साथी पैदल चल रहा, रोको अपनी कार।
फाटक खोल बिठायलो, कर-कर के मनुहार।।
शब्दार्थ :- मनुहार = अपनी ओर से पहल करना
भावार्थ:- आप अपने वाहन पर जा रहे हैं और संयोगवष आपका मित्र पैदल चल रहा हैं। दोनों एक ही दिषा की ओर जा रहे हैं तो हमें चाहिए कि हम अपनी मोटरसाईकिल, कार बस जो हो उसे रोेक कर मित्र को मनुहार सहित अपने वाहन में बिठाएं इससे वह षीध्र अपने गन्तव्य पर पहुंचेगा और आपकी मित्रता और भी सुदृढ़ होगी ।