gobar kitna kaam ka /गोबर कितना काम का - Paryavaran Ke Dohe @ Kavi Amrit 'Wani' (PD76)






गोबर कितना काम का, इसे न आप जलाय।
खेतों में ही डालना, भू उपजाऊ बनाय।।

शब्दार्थ :- उपजाऊ बनाय = खेतों को अधिक पैंदावार के लिए योग्य बनाना

भावार्थ:- ’वाणी’ कविराज कहते हैं कि कृषि-कार्य में गोबर बड़ा ही उपयोगी है। किसान भाईयां को यह जानकारी देनी चाहिए कि न तो गोबर को बेचना चाहिए न ही उसे जलाना चाहिए। इन दोनों कार्यो से ज्यादा श्रेष्ठ कार्य यह है कि उसी गोबर को समय आने पर खेतों में छिड़कना चाहिए, जिससे खेतों का उपजाऊपन बढ़ता है। फसले ज्यादा पैदा होगी।