बात न माने आपकी, जारी रखता खेल।
हजार जुर्माना बता, तीन माह की जेल।।
शब्दार्थ :- जारी = निरन्तर
भावार्थ:- सार्वजनिक झरने जलाषय नदी इत्यादि को कोई व्यक्ति दूषित करता हैं बार-बार समझाने पर भी नहीं समझता तो आप उच्च अधिकरियों को यह जानकारी देने में भी देर नहीं करें । सार्वजनिक जलस्त्रोतों को जानबुझ कर गन्दा करने वाले को तीन माह की जेल एवं 1000 रूपये जुर्माना या दोनों ही प्रकार की सजा का प्रावधान हैं। विष्वास है कि इतना कहने पर वे संभल जावेंगे। यदि फिर भी नहीं माने तो उनके विरूद्ध शीघ्र ही कानून कार्यवाही होना अतिआवश्यक है।