धारा छब्बीस लगती, सजा नब्बे दिन पाय।
जुर्माना है पांच सौ, सुधर-सुधर सब आय।।
शब्दार्थ :- जुर्माना = आर्थिक दण्ड
भावार्थ:- पशुओं पर क्रूरता संबंधित अधिनियम के अन्तर्गत ही धारा 26 के अनुसार कोई निर्दयी व्यक्ति धारा 22 के अन्तर्गत यदि पषुओं द्वारा प्रदर्शन (खेल) करता है उसके करतेव्यों से लोगों का मनोरंजन करता है तो इसे भी अपराध की श्रेणी में मानते हुए 500 रू. तक आर्थिक दण्ड या तीन माह की जेल की सजा दिए जाने का प्रावधान हैं। ’वाणी’ कविराज कहते हैं कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए उसे दोनों ही प्रकार के दण्ड दिए जा सकते हैं। जब ऐसे निर्दयी व्यक्ति जेल की सजा भुगतेंगे तो अवष्य ही उनकी बेरहमी में अर्थात् उनकी निर्दयता में काफी कमी आएगी ।