Agar Vaha Podhe Lage / अगर वहां पौधे लगे - Paryavaran Ke Dohe @ Kavi Amrit 'Wani' (PD99)



ध्वनि प्रदूषण कर रहा, जब सबको कमजोर।
अगर वहां पौधे लगे, सोंख लेय सब षोर।।

शब्दार्थ :- सोखेेंगे = पौधों द्वारा ध्वनि तरंगो को अपने में समाहित कर लेना,

भावार्थ:- ’वाणी’ कविराज कहते है कि यदि आपके चारों और बहुत ही अधिक शोर-शराबा होता रहता है और आप विवष हैं, तब ऐसा करना चाहिए कि अपने भवन के आस-पास कई प्रकार के फलदार पौधें लगा कर ध्वनि-प्रदूषण को कम कर सकते हैं । पौधें घरों में होने वाले शोर-शराबे को सोख लेते है। पौधों से फल-फूल-पत्तियां आदि लाभों के अतिरिक्त ध्वनि-प्रदूषण नियंत्रण एक विचित्र अदृष्य सेवा हैं। ऐसी अदभुद सेवाओं के लिए हम पेड़-पौधों के आदिकाल से ही सदैव ऋणी रहें हैं।