हरी खाद भी डालनी, फसल बदलते जाय।
जब तक मिट्टी में नमी, फसल बढ़ाती आय।
शब्दार्थ:- नमी = आद्रंता
भावार्थ:- ’’वाणी’ कवीराज कहते है कि है कृषक बन्धुओं खेतों मात्रानुसार हरी खाद का उपयोग करते हुए फसलों को बदलते रहो । यदि आप ऐसा करते हैं तो मिट्टी में नमीं बनी रहती जो फसल की पैदावार को बढ़ाने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं कृषि कार्य की पर्याप्त प्रारम्भिक जानकारियां हर कृषक के लिए अतिआवष्यक है।