जाता-जाता के गया , बूडा-ठाडा लोग |
कर्जो काळो नाग हे , लख उपजावे रोग ||
लख उपजावे रोग , मूंगी ईंकी दवाई |
आंसू केता जाय , लोग हूणे न लुगाई ||
के 'वाणी' कविराज , मले मूंडा मचकाता|
छीप-छिप काढे दांत , भायला जाता-जाता ||
![[24112007(015).jpg]](//3.bp.blogspot.com/_q1A9TFeJdsw/S1Xk-f8GYxI/AAAAAAAACDw/HW8aBBJq5Vw/s1600/24112007%28015%29.jpg)
कर्जो काळो नाग हे , लख उपजावे रोग ||
लख उपजावे रोग , मूंगी ईंकी दवाई |
आंसू केता जाय , लोग हूणे न लुगाई ||
के 'वाणी' कविराज , मले मूंडा मचकाता|
छीप-छिप काढे दांत , भायला जाता-जाता ||
![[24112007(015).jpg]](http://3.bp.blogspot.com/_q1A9TFeJdsw/S1Xk-f8GYxI/AAAAAAAACDw/HW8aBBJq5Vw/s1600/24112007%28015%29.jpg)