एक मैं एक तुम मिलके हम हो गए /Ek Main Ek Tum Milke Ham Ho Gay @ Kavi Amrit 'Wani' (AW74)


गीत :- एक मैं एक तुम मिलके हम हो गए ।
एक मैं एक तुम मिलके हम हो गए ।
अकेलेपन में ये मन कितने खो गए ।। एक मैं एक तुम मिलके हम हो गए । आओ भूल जाएं हम उस अतीत को ।। पल पल रुलानेवाले उन गीत को । चलेंगे हम चार कदम ले मन मीत को ।। मिलके गुनगुनाएंगे नव संगीत को । इस तरहां मिलेंगे, लगे गम खो गए ।। ना चाहत बंग्ले की, नैनो में वास हो । पूरे पूरक सा हमको अहसास हो ।। अभावों में निखरे सद्भाव हमारे । तूफानों से कश्ती पहुंचे किनारे ।। देखके रफ्तार कहे गए वो गए । अकेलेपन में ये मन कितने खो गए ।।



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