गुरु पूर्णिमावेद व्यास गुरुवर हुए, माने सकल समाज ।
आय आषाढ़ पूर्णिमा, सत गुरु पूजन आज ।।
सत गुरु पूजन आज, ज्ञान पाए अनुयायी ।
जाने गुरु का मोल, बने वोअमृतपायी ।।
कह 'वाणी' कविराज, नित्य बैठो गुरु के पास ।
ऐसा वे चमकाय, ज्यूं आधुनिक वेद व्यास ।।
गुरु पूर्णिमावेद व्यास गुरुवर हुए, माने सकल समाज ।
आय आषाढ़ पूर्णिमा, सत गुरु पूजन आज ।।
सत गुरु पूजन आज, ज्ञान पाए अनुयायी ।
जाने गुरु का मोल, बने वोअमृतपायी ।।
कह 'वाणी' कविराज, नित्य बैठो गुरु के पास ।
ऐसा वे चमकाय, ज्यूं आधुनिक वेद व्यास ।।
विश्व क्षमा दिवस - 7 th July
गहरे‐गहरे जख्म हैं, जियरा है हैरान ।
जान-बूझ सौ गलतियां, लाखों थीं अनजान ।।
लाखों थीं अनजान, तुम मन को रखना साफ ।
करें नज़र अंदाज़, हम भी करते हैं माफ ।।
कह 'वाणी' कविराज, खिले मुखड़े हरे-भरे ।
ऐसी बने मिसाल, जुड़े फिर गहरे-गहरे ।।
विवेकानंद
नरेंद्र नाथ दत्त हुए, एक विवेकानंद
।
विश्वनाथ भुवनेश्वरी, पाया नव आनंद
।।
पाया नव आनंद, धर्म सभा में शिकागो ।
दुनिया भाव-विभोर, दिया संदेशा जागो ।।
सकल ज्ञान का दान, ले योगी नरेंद्रनाथ ।।
कवि अमृत 'वाणी'