गुरु पूर्णिमा वेद व्यास गुरुवर हुए, माने सकल समाज



 गुरु पूर्णिमा

वेद व्यास गुरुवर हुए, माने सकल समाज

आय आषाढ़ पूर्णिमा, सत गुरु पूजन आज ।।

सत गुरु पूजन आज, ज्ञान पाए अनुयायी

जाने गुरु का मोल, बने वोअमृतपायी ।।

कह 'वाणी' कविराज, नित्य बैठो गुरु के पास

ऐसा वे चमकाय, ज्यूं आधुनिक वेद व्यास ।।

कवि अमृत ‘वाणी’ 

 

विश्व क्षमा दिवस - 7 th July



विश्व क्षमा दिवस - 7 th July

गहरेगहरे जख्म हैं, जियरा है हैरान ।

जान-बूझ सौ गलतियां, लाखों थीं अनजान ।।

लाखों थीं अनजान, तुम मन को रखना साफ ।

करें नज़र अंदाज़, हम भी करते हैं माफ ।।

कह 'वाणी' कविराज, खिले मुखड़े हरे-भरे ।

ऐसी बने मिसाल, जुड़े फिर गहरे-गहरे ।।

 कवि अमृत 'वाणी'





पद्मा एकादशी........................

 

तीन साल अकाल पड़ा, जनता सब घबराय

मान्धाता ऋषि वंश में, अंगीरा के जाय ।।

अंगीरा के जाय, गुरुवर दो सहज उपाय

एकादशी बताय, पद्मा मेघा बरसाय ।।

कह 'वाणी' कविराज, सुनो भैया दीन-हीन

हर ग्यारस का वास, सुधरे जनम तीन-तीन ।।




विवेकानंद- 4 July

 


विवेकानंद

 

नरेंद्र नाथ दत्त हुए, एक विवेकानंद  ।

विश्वनाथ भुवनेश्वरी, पाया नव आनंद  ।।

पाया नव आनंद, धर्म सभा में शिकागो  ।

दुनिया भाव-विभोर, दिया संदेशा जागो  ।।

कह 'वाणी' कविराज, जब परमहंस के हाथ

सकल ज्ञान का दान, ले योगी नरेंद्रनाथ  ।।

कवि अमृत 'वाणी'







 नवमी नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं


आठ सिद्धियां तब मिले, दिन नवमी का आय ।

अर्धनारीश्वर रुप को, शिव तप बल से पाय ।।

शिव तप बल से पाय, पा रहें साधक सच्चे ।

बाहर भीतर नेक, चले नेकी पर अच्छे ।।

कह 'वाणी' कविराज, सिद्धिदात्री सुनो पाठ ।

एक-एक कर देय,सिद्धियां साधकों आठ ।।


 कवि अमृत 'वाणी'