सावन मास लगा अभी, करे भक्त अभिषेक ।


 सावन मास लगा अभी, करे भक्त अभिषेक ।

मन वांछा शंभू सुने, अधूरी रखे ना एक ।।

अधूरी रखे ना एक, भोले बड़े ही भोले ।

चढ़ा आक का फूल, जोर से बम-बम बोले ।।

कह 'वाणी' कविराज, जितना फल बारह मास ।

मन से पूजा-पाठ,उतना फल सावन मास ।।