तिरंगा दिवस
सब कहता है तिरंगा, सुनो लगा कर
कान ।
क्या करना क्या कर रहे, जाने सब की जान ।।
जाने सब की जान, न माने मन
मतवाला ।
सात समंदर पार, क्यों बेचैन धन
काला ।।
कह 'वाणी' कविराज,
रोज नया होता गजब ।
किस दिन होगा अंत, सवाल तिरंगे के सब ।।