पद जो न्यायाधीश का , है इसलिए महान ।एक-एक की बात को , सुने लगा कर ध्यान ।।सुने लगा कर ध्यान , वे खुद को वहां रखकर ।सोच गहन गंभीर , करे हर राज उजागर ।।कह 'वाणी' कविराज , तय करे अपराधी कद ।कितना मन बेचैन , कहे सज़ा-ए-मौत पद ।।
पद जो न्यायाधीश का , है इसलिए महान ।
एक-एक की बात को , सुने लगा कर ध्यान ।।
सुने लगा कर ध्यान , वे खुद को वहां रखकर ।
सोच गहन गंभीर , करे हर राज उजागर ।।
कह 'वाणी' कविराज , तय करे अपराधी कद ।
कितना मन बेचैन , कहे सज़ा-ए-मौत पद ।।