विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस ........


 हरे-भरे वन हैं अगर, फल पाएंगे रोज  ।

तन-मन हैं जब संतुलित,  रोज मनेगी मोज  ।।

रोज मनेगी मोज, रहेंगे मिलजुल भाई  ।

खाना खाना साथ, आय ना कभी दवाई  ।।

कह 'वाणी' कविराज,  गांव-शहर खुशियां भरे  ।

बड़े करे परिवार, पौधे अगर हरे-भरे ।।