चंदा मामा जानते, मेरा दूर मुकाम । पहुंचेंगे मुझ तक

चंदा मामा जानते, मेरा दूर मुकाम ।

पहुंचेंगे मुझ तक वही, कोशिश हो अविराम ।।

कोशिश हो अविराम, आया अपोलो ग्यारह ।

तब नीलआर्मस्ट्रांग, एल्ड्रीन चले चंद्र सतह ।।

कह 'वाणी' कविराज, हर देश का हो झंडा ।

करते सब से आस, राह तके रोज चंदा ।।