आधा प्रतिशत नीर ही, बुझा रहा जग प्यास ।तीन टका पानी यहाँ, पूर्ण करे सब आस ।।पूर्ण करे सब आस, बात-बात बातें अड़ी ।तर्क करे विद्वान, खूब उछालते पगड़ी ।।कह 'वाणी' कविराज, हल होयगी यूँ बाधा ।ढ़ाई प्रतिशत ध्रुव, फिर प्यास बुझाय आधा ।।
आधा प्रतिशत नीर ही, बुझा रहा जग प्यास ।
तीन टका पानी यहाँ, पूर्ण करे सब आस ।।
पूर्ण करे सब आस, बात-बात बातें अड़ी ।
तर्क करे विद्वान, खूब उछालते पगड़ी ।।
कह 'वाणी' कविराज, हल होयगी यूँ बाधा ।
ढ़ाई प्रतिशत ध्रुव, फिर प्यास बुझाय आधा ।।