विवेकानंद
नरेंद्र नाथ दत्त हुए, एक विवेकानंद
।
विश्वनाथ भुवनेश्वरी, पाया नव आनंद
।।
पाया नव आनंद, धर्म सभा में शिकागो ।
दुनिया भाव-विभोर, दिया संदेशा जागो ।।
कह 'वाणी' कविराज, जब परमहंस के हाथ ।
सकल ज्ञान का दान, ले योगी नरेंद्रनाथ ।।
कवि अमृत 'वाणी'