धनपतराय श्रीवास्तव, हुए कथा-सम्राट ।गोदान, गबन,निर्मला, कफ़न,पूस की रात ।।कफ़न,पूस की रात, परीक्षा,बूढ़ी काकी ।अन्तर्द्वंद्व नर-नार, रखा ना कुछ भी बाकी ।।'वाणी' प्रेम चंद, पहचान ऐसी बनाय ।हिंदी देश-विदेश, पहुंचाई धनपतराय ।।
धनपतराय श्रीवास्तव, हुए कथा-सम्राट ।
गोदान, गबन,निर्मला, कफ़न,पूस की रात ।।
कफ़न,पूस की रात, परीक्षा,बूढ़ी काकी ।
अन्तर्द्वंद्व नर-नार, रखा ना कुछ भी बाकी ।।
'वाणी' प्रेम चंद, पहचान ऐसी बनाय ।
हिंदी देश-विदेश, पहुंचाई धनपतराय ।।