विश्व क्षमा दिवस - 7 th July



विश्व क्षमा दिवस - 7 th July

गहरेगहरे जख्म हैं, जियरा है हैरान ।

जान-बूझ सौ गलतियां, लाखों थीं अनजान ।।

लाखों थीं अनजान, तुम मन को रखना साफ ।

करें नज़र अंदाज़, हम भी करते हैं माफ ।।

कह 'वाणी' कविराज, खिले मुखड़े हरे-भरे ।

ऐसी बने मिसाल, जुड़े फिर गहरे-गहरे ।।

 कवि अमृत 'वाणी'