चेहरा देख-देख के, मत होना हैरान ।करनी कितने जन्म की, सब जाने भगवान ।।सब जाने भगवान, दिया सब सोच समझ कर ।सूरत सुंदर होय, गुण क्या रहते वहीं पर ।।कह 'वाणी' कविराज, चुको न मौका सुनहरा । प्लास्टिक सर्जरी होय, चमक उठेगा चेहरा ।।
चेहरा देख-देख के, मत होना हैरान ।
करनी कितने जन्म की, सब जाने भगवान ।।
सब जाने भगवान, दिया सब सोच समझ कर ।
सूरत सुंदर होय, गुण क्या रहते वहीं पर ।।
कह 'वाणी' कविराज, चुको न मौका सुनहरा ।
प्लास्टिक सर्जरी होय, चमक उठेगा चेहरा ।।