छोटे-मोटे मामले, मिलजुल कर सुलझाय ।दो देशों की बात है, आगे तक ना जाय ।।आगे तक ना जाय, कभी न बढ़ाना विवाद ।ऐसे पक्के दोस्त, रहें पीढ़ियों तक याद ।।कह 'वाणी' कविराज, मुस्कुरा रहे मुखौटे ।फेल हुए सब दाव, हंस रहे छोटे-मोटे ।।
छोटे-मोटे मामले, मिलजुल कर सुलझाय ।
दो देशों की बात है, आगे तक ना जाय ।।
आगे तक ना जाय, कभी न बढ़ाना विवाद ।
ऐसे पक्के दोस्त, रहें पीढ़ियों तक याद ।।
कह 'वाणी' कविराज, मुस्कुरा रहे मुखौटे ।
फेल हुए सब दाव, हंस रहे छोटे-मोटे ।।