चंद्रयान 3 .........

 

विक्रम अपने देश का, चंद्रयान था तीन ।

ऐसी भरी उड़ान जो, अमर हुआ वह सीन ।।

अमर हुआ वह सीन, चांद पर ढूंढ़ा पानी ।

प्रज्ञान का संज्ञान, लेते रहे विज्ञानी ।।

कह 'वाणी' कविराज, बाग-बाग हुए हमदम ।

थे एस सोमनाथ, साराभाई व विक्रम ।।