कारगिल विजय दिवस.......


 

कारगिल का युद्ध हुआ, शांति-मार्ग अवरुद्ध 

पाक बना नापाक सा, फिर भ्रातृत्व अशुद्ध  ।।

फिर  भ्रातृत्व अशुद्ध, दोनों के परमाणु बम 

करी पाक शुरुआत,  यहां पर गूंजे बम-बम  ।।

कह वाणी कविराज, ढूंढता चूहा फिर बिल।

हस्ती मिटती नहीं, कहे मन जयति कारगिल।।