वन महोत्सव- 1st July

वन महोत्सव

 

हरी-भरी धरती रहे, रहे सभी खुशहाल ।

खान-पान सब शुद्ध हो, जीएं सौ-सौ साल ।।

जीएं सौ-सौ साल, हर तरफ भाईचारा ।

नदियां बारह मास, फल-फूल तरवर प्यारा ।।

कह 'वाणी' कविराज, बात कहता खरी-खरी ।

लगे हजारों पेड़, हंसे धरती हरी-भरी ।।

कवि अमृत 'वाणी'