रामचरित मानस अंतस निर्मल राखिए, दान-पुण्य कर पाठ ।


 

रामचरित मानस

अंतस निर्मल राखिए, दान-पुण्य कर पाठ ।

अच्छे-अच्छे सोच की, बांधे मन में गांठ ।।

बांधे मन में गांठ, बढ़ाना ज्ञान उजाला ।

ऐसा बढ़े प्रकाश, रहे ना तिल भर काला ।।

कह 'वाणी' कविराज,  सुमन रामचरित मानस ।

लगे राम परिवार, सजाएं ऐसा अंतस ।।