जनसंख्या जब कम रहे, अच्छे होय विकास।
रोजगार सबको मिले, सुन्दर हो आवास ।।
शब्दार्थ :- रोजगार =जीविकोपार्जन हेतु आय के स्त्रोत, निवास = रहने हेतु मकान
भावार्थ:- देश के चहुमुंखी विकास में जनसंख्या का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। यदि आबादी कम होगी या बहुत ही कम गति से बढ़ेगी तो सभी को पर्याप्त सुख-सुविधाएं उपलब्ध हो सकेगी । आशा के अनुरूप देश का विकास होना संभव होगा । सभी को अपनी-अपनी योग्यता, क्षमता व अनुभवानुसार रोजगार भी उपलब्ध हो सकेेंगे । देश में सर्वत्र खुशहाली रहेगी। ’वाणी’ कविराज यह कहना चाहते हैं कि जनसंख्या विस्फोट भारत वर्ष की ज्वलंत समस्या हैं। इस पर शीध्र ही विचार-विमर्ष करते हुए स्वनिय निर्णय की प्रवृत्ति विकसित करना अतिआवश्यक है।