0:02 / 3:58 Shor Sharaba Yu Bada / शोर शराबा यूँ बढा - Paryavaran Ke Dohe @ Kavi Amrit 'Wani' (PD94)



शोर-शराबा यूँ  बढा, पी-पी मोटर आय।
अस्सी डेसिबल पहुँचे, सिर फटने लग जाय ।।

शब्दार्थ :-  शोर शराबा  = अप्रिय ध्वनि,

भावार्थ:- जब ध्वनि की तीव्रता 61 से 99 डेसिबल तक पहुंच जाती है तब वह आवाज हमें अप्रिय सी लगने लगती है। ट्रक मोटर, ऑटो रिक्षा, मोटर साईकिल आदि के तेज हाॅर्न से उत्पन्न होने वाली ध्वनि निष्चित ही स्वास्थ पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। ’वाणी’ कविराज कहते हैं कि इस ध्वनि से सिर दुखना तनाव (टेंशन) उत्पन्न होना, भय, घबराहट आदि अनुभव होते हैं। ऐसी स्थिति में पांच-सात व्यक्तियों का समूह बनाकर उन यंत्रों के संचालकों से पहले नम्र निवेदन करना चाहिए ।