जग में जीवन नीर है, सुन जग जीवनराम।
राम-राम तुम फिर करो, पहले नल का काम।।
शब्दार्थ :- नीर = पानी
भावार्थ:- पृथ्वी पर 3/4 भाग पानी होना ही इस बात का प्रमाण है कि जल ही इस संसार का प्रमुख आधार है । आवश्यकतानुसार सुनियोजित ढंग से ही पानी का उपयोग किया जाना चाहिए । हे जगजीवनराम, तुम इन बातों को बड़े ही ध्यान से सुनते हुए जीवन में उतारलो । ’वाणी’ कविराज कहते हैं कि भक्तिभाव मे राम राम का स्वमरण भी तुम थोड़ी देर बाद कर लेना यदि उस वक्त नल में पानी आ गया और पानी व्यर्थ बह रहा है तो पहले उस नल को बन्द करें भरे जल पात्र भीतर लाकर खाली करके रखते हुए तुम कुन्त भक्ति करने बैठ जाओं । राम-राम करते हुए पुण्य लाभ के प्रभाव से नल भी अवष्य ज्यादा आऐगें ।