Mike Jab Vivah Ke / माईक जब विवाह के - Paryavaran Ke Dohe @ Kavi Amrit 'Wani' (PD95)



माईक जब विवाह के, फाड़े प्यारे कान।
हाथ लगा कह राम को, कान बचा भगवान।।

शब्दार्थ :- माईक = ध्वनि विस्तारक यंत्र,

भावार्थ:- विवाहोत्सव परिसर में माइक द्वारा गूंजने वाली ध्वनि बिजली की ध्वनि, जेट विमानों के उड़ान के वक्त आने वाली ध्वनि, रेल्वे स्टेशन पर रेलगाड़ियों आदि से उत्पन्न होने वाली कर्णभेदी ध्वनि ये ध्वनियां 100 डेसिबल से भी अधिक होती हैं। ये सभी धमियां समान श्रेणी में  आती हैं । जब-जब हम अपने कानों पर दोनों हाथ रख कर यह प्रार्थना करते हैं कि हें प्रभु ! अब तो बस आप ही हमारे कानों की रक्षा कर सकते हैं। ऐसी तीव्रतम ध्वनियां स्वास्थ्य के लिए सर्वाधिक हानिकारक होती हैं। हमें उनसे बचने का सदैव अच्छा प्रयास करना चाहिए।