Jal Ho Sityasi Taka / जल हो सित्यासी टका - Paryavaran Ke Dohe @ Kavi Amrit 'Wani' (PD43)


जल हो सित्यासी टका, कहाय सच्चा दूध।
निन्याणू टका जल का, पिला रहे है  दूध।।

शब्दार्थ :- टका = प्रतिशत

भावार्थ:- दूध के अन्दर 87 प्रतिशत पानी होता हैं उसे वैज्ञानिक शुद्ध दूध कहते हैं। आर्थिक दृष्टिकोण व पाचन षक्ति को मद्धे ध्यान मेें रखते हुए पाखर का प्रत्येक ईष्वर की सेवा के समकक्ष समझते हुए उसी दूध में दिन में दो-दो, तीन-तीन बार पानी मिलाकर अपने आप में गौरव का अनुमत करता है। घर के सदस्यों का सीना गर्व से फुलता जाता है और दूध में पानी 87 प्रतिशत से बढता हुआ 99 प्रतिशत तक पहुंच जाता है। ’वाणी’ कविराज कहना चाहते हैं कि हमें जहां तक संभव हो 87 प्रतिशत पानी वाला शुद्ध दूध ही पीना और पिलाना चाहीए ।