Rogee na bach paay / रोगी ना बच पाय - Paryavaran Ke Dohe @ Kavi Amrit 'Wani'(PD40)


पैसठ प्रतिशत नीर सेे,  दियो बनाय।
प्रतिशत बारह कम हो, रोगी ना बच पाय।।

शब्दार्थ :- ना बच पाय = जीवन असंभव होना ।

भावार्थ:- ’वाणी’ कविराज कहते हैं कि स्वस्थ मानव शरीर में 65 प्रतिशत पानी होता है। इसी सें षरीर सुचारू रूप से अपनी सभी क्रियाएं सम्पादित करता है यदि पास सभीलिवथ जल की कमी 12 प्रतिशत तक पहुंच जाती हैं यानि कि जैसे ही शरीर में जल की मात्रा 53 प्रतिशत से कम हुई और उस मनुष्य का बचना असभंव हो जाता हैं। जब शरीर को प्यास लगे, पानी की आवश्यकता अनुभव हो तब पानी अवश्य पी लेना चाहिए। पीते समय भी ध्यान रखें, पानी स्वस्छ हो गंदा पानी आपको रोगग्रस्त कर देगा।