Janavaron Ko Palate / जानवरों को पालते - Paryavaran Ke Dohe @ Kavi Amrit 'Wani' (PD109)


जानवरों को पालते, सुनो बाल गोपाल।
प्रशिक्षण में सब सीखलो, लो संग ग्वाल-बाल।।

शब्दार्थ :- गोपाल = गायों को पालने वाले, ग्वाल-बाल = पशु  पालकों की दिन भर साथ रहने वाली मित्र-मण्डली

भावार्थ:- ’वाणी’ कविराज कहते है कि हे पषुपालकों हे गोपालों । तुम सब हमारी एक बात सदैव ही याद रखों कि यदि आप पशुपालन से संबंधित कोई प्रशिक्षण प्राप्त कर लेते हैं तो यह आपके व्यावहारिक एंव सैद्धान्तिक ज्ञान को अवष्य बढाएगा । जानवरों के सामान्य आहार, रोग, निदान संबंधी पर्याप्त जानकारियां आपको प्रशिसण द्वारा हासिल हो जाएगी। इससें आप काफी सुविधा अनुभव करंगे । अपने साथियों को भी अपपने ज्ञान से लाभन्वित कर सकेगें। कई दृष्टिकोणों से उपयोगी यह प्रशिक्षण सभी पशु पालकों को प्राप्त करने का अवसर मिलना अपेक्षित है।