Karo Sadviyvahar / करो सद्व्यवहार - Paryavaran Ke Dohe @ Kavi Amrit 'Wani' (PD64)







अनुच्छेद इक्कीस में, मूलभूत अधिकार।
हवा-पानी हैं सबके, करो सद्व्वयहार ।।

शब्दार्थ :- मूलभूत अधिकार = वे अधिकार जो सभी के लिए मूल रूप से आवष्यक समझे गए है।

भावार्थ:- ’’वाणी’ कवीराज कहते है कि भारतीय संविधान में दर्शाया गया है कि जल राज्य की लापरवाही से उपलब्ध नहीं हो रहा हो वहां कोई भी नागरिक जीवन के अधिकारों के हनन के लिए सांविधान के अनुच्छेद 32 या 226 के आधार पर रिट याचिका दायर कर सकता है। यह अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 में प्रतिष्ठित है। यह भी स्वमरणीय है कि यदि कोई सरकारी या निजी एजेन्सीज पीने के पानी के स्त्रोत को प्रदूषित करती है तो उसके विरूद्ध भी इसी छेद के आधार पर कार्यवाही हो सकेगी ।