सूखी डाल्यां पेड़ की, दें उनको कटवाय ।
टेबल, कुरसी, खिड़कियां, जो चाहो बनवाय।।
शब्दार्थ :- चाहो = मन पसन्द
भावार्थ:- ’वाणी’ कविराज कहते है कि जो-जो पेड़ या डालियां पूर्णतः सूख गई हैं उन्हें काटने में कोई हानि नहीं है। अच्छी सूखी हुई लकड़ी यदि जलाने के काम में ली जाती है तो वह ज्यादा अच्छी जलेगी और यदि उससे टेबल, कुर्सी, किवाड़, खिड़की इत्यादि बनवाए जाते हैं तो वे भी श्रेष्ठ रहेंगे। इसलिए फर्निचर निर्माण की दृष्टि से सूखी लकड़ी ही काटनी चाहिए ।