Chije Jo Nakam / चीजें जो नाकाम - Paryavaran Ke Dohe @ Kavi Amrit 'Wani' (PD38)


एम.पी एम.एल.ए. जाय मिलाओ हाथ।
उद्योगपति सुने नहीं, चलके करलो बात ।।

शब्दार्थ:- एम.पी  = लोकसभी सदस्य, एम.एल.ए. = विधानसभी सदस्य,

भावार्थ:- यदि मिल का मालिक आपको बातों व अनमोल सुझावों को गंभीरता से नहीं लेता हैं तो आपको अपने क्षैत्र के लोकसभी सदस्य या विधानसभी सदस्य से मिलकर सही बात कहनी चाहिए कि अमुक उद्योगों व फैक्ट्रीयों से भविष्य में जो-जो हानियाॅं हो सकेगी उनका एक प्रारूप बनाकर उच्च अधिकारीयों से मिलना चाहिए, उनसे कहे कि जैसे भी संभव हो, आप अपने क्षैत्र के पर्यावरण को शुद्ध व स्वच्छ बनाने में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप् से सक्रिय सहयोग दें ।