सोच समझ खाद छिड़को, कम ज्यादा ना होय।
मिट्टी की जांचे करो, फसलें ज्यादा होय।।
शब्दार्थ :- मृदा जांच = खेत की मिट्टी की जांच करवाना, दूनी = दुगनी
भावार्थ:- किसान भाईयों को चाहिए कि खेतों में खाद छिड़कते वक्त यह सुनिष्चित करलें कि खाद की कितनी मात्रा छिड़कनी हैं खाद की कम मात्रा फसल की पैदावार कम कर देती है तो ज्यादा मात्रा में खाद फसल को जला देती हैं। दोनों ही तरह से फसलों को नुकसान ही होता है। ’वाणी’ कविराज कहना चाहते हैं कि समय-समय पर खेत की मिट्टी की जांच करवाते रहना चाहिए जिससे यह भी ज्ञात हो जाएगा कि कौनसी फसल किस खेत के लिए सर्वक्षेष्ठ रहेगी। पैदावार अधिक से अधिक मिले इसक लिए कृषि विज्ञान का पूर्ण सहयोग लेगा हर दृष्टि से लाभदायक है।