कालरात्रि (सप्तम दिवस )

 कालरात्रि (सप्तम दिवस )

 

काला गहरा रंग जोकालरात्रि है नाम ।

सवारी कर गर्दभ कीराक्षस काम तमाम ।।

राक्षस काम तमाम शुंभ निशुंभ सब मारे ।

जब मरा रक्तबीज हर्षित थे देव सारे ।।

कह 'वाणी 'कविराज कंठ पर विद्युत माला ।

गुड़ केशर की खीर कभी न उगे दिन काला।।

कवि अमृत 'वाणी'



वन महोत्सव- 1st July

वन महोत्सव

 

हरी-भरी धरती रहे, रहे सभी खुशहाल ।

खान-पान सब शुद्ध हो, जीएं सौ-सौ साल ।।

जीएं सौ-सौ साल, हर तरफ भाईचारा ।

नदियां बारह मास, फल-फूल तरवर प्यारा ।।

कह 'वाणी' कविराज, बात कहता खरी-खरी ।

लगे हजारों पेड़, हंसे धरती हरी-भरी ।।

कवि अमृत 'वाणी'

 




 


स्कूल खुले.................1 July




 

स्कूल खुले हैं आज से,  सुनलो भैय्या बात 

दिवस खेलने के गये,  बची न खेलन  रात  ।।

बची न खेलन रात, समझ कर तुम समझाना 

बनना ज्ञानी सेठ, बांटना ज्ञान-खजाना  ।।

कह 'वाणी' कविराज,  हर साल कहूं आप से 

भूल जाय हर बार, पढ़ने आना आज से  ।।


 




कात्यायनी (षष्ठम दिवस ) .....................


 

तपोबल ऋषि-घर जनमी, कात्यायनी कहाय 

बन रण बांकुरों का बल, साहस देय बढ़ाय  ।।

साहस देय बढ़ाय, मां महिषासुर मर्दिनी 

ब्रह्मा,विष्णु,महेश, शक्ति असुर संहारिणी  ।।

कह 'वाणी' कविराज, गृहस्थ जीवन हो सफल 

चढ़ा पीत नैवेद्य, सिद्धि दिलाये तपोबल  ।।

राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस 1st July

 राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस

 

सारे डाक्टर काम केकरे कोटि उपचार ।

अच्छे होय के घर पेकुछ जाते उस पार ।।

कुछ जाते उस पारदेकर के यूं आशीष ।

ईश्वर का वह रूपअकड़ चंद झुकाय शीश ।।

कह 'वाणीकविराजकोठियांबंगले,कारें ।

और बने कुछ नेकदुआ दें रोगी सारे ।।

कवि अमृत 'वाणी'