कोमल कोठारी


 

कोमल कोठारी 

कोमल कोठारी हुए ,  जन-जन के गोपाल  । 

जन्म कपासन में लिया , गढ़ चित्तौड़ निहाल  ।। 

गढ़ चित्तौड़ निहाल ,  पढ़ाई करी जोधपुर  । 

साथ में विजय दान , साहित्य साथ भरपूर  ।।

कह 'वाणी'कविराज , रचते कथा ,गीत, गजल  ।

पाय पद्मश्री आप , बनी रूपायन कोमल  ।।