विश्व शेर दिवस


 विश्व शेर दिवस 

 जंगल के राजा रहे  , सदियों से जो शेर  ।

चिड़ियाघर के पिंजरे , होते रैन-बसेर  ।।

होते रैन-बसेर , ताकते नव काॅलोनी  ।

फैक्ट्री धुंआ देख , हॅंसे योजना सलोनी  ।।

कह 'वाणी' कविराज , कटे पेड़ मन-मन कहे  ।

उजड़ रहे परिवार  , न जंगल के राजा रहे  ।।