विश्व आदिवासी दिवस


विश्व आदिवासी दिवस 

 आदिवासी जहां रहे , मूल निवासी होय  ।

पीढ़ियों के रिवाज  को,  कभी नहीं वे खोय  ।।

कभी नहीं वे खोय , समय आय देख मिजाज  ।

कैसे शादी-ब्याह , कैसे बजते हैं साज  ।।

कह 'वाणी' कविराज , पांच-पंच जैसा कहे  ।

माने प्यारी बात , जहां आदिवासी रहे  ।।