हाथी दिवस


 हाथी दिवस 

हाथी वन अति सघन में , चले बना कर झुंड  ।

उछले पानी सूंड से , जहाँ मिले जल-कुंड  ।।

जहाँ मिले जल-कुंड , मौज मस्ताने मनाते  ।

बोत्सवना वन माय , गिने सर्वाधिक जाते  ।।

कह 'वाणी' कविराज , युगों के हैं ये साथी  ।

क्यों तुम घटते जाय , बताओ सफेद हाथी  ।।