हाथी दिवस
हाथी वन अति सघन में , चले बना कर झुंड ।
उछले पानी सूंड से , जहाँ मिले जल-कुंड ।।
जहाँ मिले जल-कुंड , मौज मस्ताने मनाते ।
बोत्सवना वन माय , गिने सर्वाधिक जाते ।।
कह 'वाणी' कविराज , युगों के हैं ये साथी ।
क्यों तुम घटते जाय , बताओ सफेद हाथी ।।