कृष्ण जन्माष्टमी



कृष्ण जन्माष्टमी
कन्हैया जनमे जेल में , पढ़े सुदामा संग ।

रास रचाए गोपियां , बदल-बदल के रंग ।।

बदल-बदल के रंग , जन-मन भाव विभोर

मारा मामा कंस , बचा न कोई उस दौर ।।

'वाणी' गीता पाठ , कर रही घर-घर मैया

मटकी दी लटकाय , फोड़ जाना कन्हैया  ।।

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