विश्व युवा दिवस
ज़वानी गज़ब आग है , रुक-रुक कर सुलगाय ।
मनवा उड़ता ठान के , दसों दिशा में जाय ।।
दसों दिशा में जाय , रहें जो धुन के पक्के ।
ला कर मोती खोज , देख कर हक्के-बक्के ।।
कह 'वाणी' कविराज , रचे कुछ अमर कहानी ।
पढ़ें हज़ारों बार, हैं वही धन्य जवानी ।।