राष्ट्रीय हथकरघा दिवस
कपड़े सब के खास है , साहब हो या मेम ।
भांत-भांत की क्वालिटी , पैसों का सब गेम ।।
पैसों का सब गेम , अच्छा सिस्टम पुराना ।
बहुत मिले आराम , सीखे चर्खा चलाना ।।
कह 'वाणी' कविराज फेंसिंग ड्रेसें लफड़े ।
लड़े कचहरी माय , पहन फेशन के कपड़े ।।