गुलजार साहेब
संपूरन सिंह कालरा , अदब का अज़िब दौर ।
पिता श्री माखनसिंह जी , दीना सुजान कौर ।।
दीना सुजान कौर , 'बंदिनी' के गीतकार ।
पद्म भूषण सजाय , निर्देशक , नाटककार ।।
'वाणी' वो फनकार , कुछ रहा नहीं अपूरण ।
ख्याले गुल गुलजार , ज़हन दिलकश संपूरन ।।