(विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस
मान लें हम बुजुर्ग की , बातें हैं जो ठीक ।
सोच-समझ कर बोलना , बढ़ें सफलता लीक ।।
बढ़ें सफलता लीक , सुन-सुन अनुभव खज़ाने ।
मुसीबतों के तोड़ , सभी पल-पल में जाने ।।
कह 'वाणी' कविराज , सारा ही जग जान ले ।
ये माथे के मोड़ , बातें प्यारी मान लें ।।