हरिशंकर परसाई व्यंग्यलेखक


 हरिशंकर परसाई

 व्यंग्यलेखक हरिशंकर , हुए जमानी गांव  ।

होशंगाबाद जनपद , मुसीबतों की छांव  ।।

मुसीबतों की छांव , सदाचार का ताबीज  ।

कहानी,उपन्यास , हास्य-व्यंग्य टाकीज  ।।

कह 'वाणी' कविराज , हज़ारों पढ़ते अपलक  ।

हँस-हँस आंसू आय , थे ऐसे व्यंग्यलेखक  ।।