Tute Fute Mal Se / टूटे-फूटे माल से, - Paryavaran Ke Dohe @ Kavi Amrit 'Wani' (PD15)




टूटे-फूटे माल से, नए बनाएं माल ।
घर में दुकान खोलना, बनना माला-माल ।।


शब्दार्थ :-  माल = सामग्री मालामाल = घनवान होना

भावार्थ:- नकारा सामानों से कई प्रकार की नई-नई सामग्रियां आसानी से बनाई जा सकती हैं । पुनर्निर्मित वस्तुओं को बेचने के लिए तुम्हें बहुत दूर जाने की या बहुत महंगी दूकानें खरीदने की भी आवश्यकता नहीं है। अपने ही घर में एक छोटी सी दुकान लगा कर स्वनिर्मित वस्तुएं बेच कर अच्छा पैसा कमाया जा सकता हैं ।
’वाणी’ कविराज कहते हैं कि बस एक बार इन कार्यो के प्रारम्भ होने की बात है फिर तो ये निरन्तर चलते रहेंगे |