Chije Nai Banay / चीजे नई बनाय - Paryavaran Ke Dohe @ Kavi Amrit 'Wani' (PD12)



कूड़ा करकट हैं कहीं, नहीं फेंकने जाय ।

थोड़ी मेहनत करके, चीजे नई बनाय ।।

शब्दार्थ :- कूड़ा करकट = बेकार की फेंकने योग्य वस्तुएं ।

भावार्थ:- घर, कार्यालय, कारखानों में कई वस्तुएं इतनी अनुपयोगी हो जाती हैं कि उन्हें फेंकने के सिवाय हमें और कुछ सूझता ही नहीं। सामान्यतया अधिकांश परिवारों में ऐसा ही होता है ।
’वाणी’ कविराज कहते है कि उन्हें फेंकना तो बहुत ही आसान है। हमें चाहिए कि थोड़ा परिश्रम कर नई चीज बनाएं। उदाहरणार्थ कुछ खाली प्लास्टिक की बोतलों को काट कर फूलदानी बनाकर घरों को सजा सकते है। इससे आपके घरों के साथ-साथ पूरे शहर की सोभा भी बढेगी ।