Saaf Safai Ruchi Badhi / साफ सफाई रूचि बढ़़ी - Paryavaran Ke Dohe @ Kavi Amrit 'Wani' (PD22)


साफ सफाई रूचि बढ़ी वह पाए पुरस्कार।
सबसे बड़ी समझ यही, कुदरत का उपकार ।।

शब्दार्थ:-   बड़ी समझ = सर्वश्रेष्ठ विचार, कुदरत = प्रकृति, उपकार = भलाई

भावार्थ:-   यदि हम हमारी मानसिकता मैं बदलाव लाते हुए साफ सफाई की ओर विषेष ध्यान देते हैं तो हमारी इस मनोवृत्ति की सर्वत्र प्रशंसा होगी। कई स्थानों पर हमें पुरष्कृत किया जावेगा। हमारे लाखों अनुज हमसे नई प्रेरणा लेकर पर्यावरण शुद्धीकरण के इन पुनीत कार्यों में लगेंगे । ’वाणी’ कविराज कहते है कि यहि सर्वश्रष्ठ विचार है, इस प्रकृति के प्रति हमारी ओर से यही एक अविस्मरणीय सेवा होगी जिसका लाभ प्राणी मात्र को मिलेगा ।