कार्बन डाईआक्साइड, समझो है यह कौन।
प्रति दिन जो बिगाड़ रही, प्रिय परत ओजोन ।।
शब्दार्थ:- दिन पे दिन = प्रतिदिन, ओजोन = एक ऐसी गेसीय परत जो सूर्य से आने वाले हानिकारक किरणों को अवशोषित कर लेती है।
भावार्थ:- ’वाणी’ कविराज कहते हैं कि कार्बनडाईआक्साइड अब हमें भलीभांति समझ लेना है कि आखिर यह कौन है । हमें किस प्रकार हानि पहूंचाती है । यह ज्ञात होना चाहिए कि यही गेस ओजोन परत में कई बड़े-बड़े छिद्र कर चुकी है। सूर्य की किरणें सीधी पृथ्वी पर आने लग लग गई जिससे चर्म रोगियों की संख्या बढ़ रही हैं । हमें शीघ्र ही सामुहिक प्रत्यनों द्वारा इसका स्थाई समाधान करना होगा।